Rakesh rakesh

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लेखनी प्रतियोगिता -09-May-2023 शर्मिंदगी

छोटेलाल 40 बरस की आयु में ही अपने को वृद्ध समझने लगा था। इसलिए अपने से 10 वर्ष छोटी अपनी पत्नी को युवा समझकर दोनों बच्चों की परवरिश का बोझ डाल कर खुद अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ कर दो तीन महीने के लिए अपने मामा मामी के घर घूमने चला जाता है।


असल में छोटे लाल बहुत गैर जिम्मेदार और कामचोर आलसी पुरुष था।

जब से उसकी पत्नी माया ने उससे शादी की थी, तब से उसे ग्रहस्थ जीवन में सुख नहीं मिला था।

जब माया उससे ज्यादा नाराज हो जाती थी तो छोटे लाल चिकनी चुपड़ी बातें करके उसे मना लेता था।

बच्चे होने से पहले माया के मन में कई बार गैर जिम्मेदार कामचोर आलसी छोटेलाल को तलाक देने  का विचार आया था। लेकिन माया मजबूर थी, क्योंकि मायके में माया की भाभी उसे एक पल भी बर्दाश्त नहीं कर पाती थी। 

इसलिए माया घर में घुट घुट कर अपना जीवन जी रही थी। 

आस-पड़ोस के लोगों को भी माया के दुख को समझते थे, क्योंकि उन्हें पता था कि छोटेलाल कामचोर और बहुत गैर जिम्मेदार पुरुष है।

नौकरी छोड़कर सारी जिम्मेदारियां अपनी पत्नी पर डालकर जाने के बाद तो छोटे लाल पड़ोसियों रिश्तेदारों की निगाह में और भी गिर गया था।

माया की परेशानी को समझकर पड़ोस की महिला अपने भाई की सूट सलवार साड़ियों की दुकान में नौकरी लगवा देती है।

उस महिला के भाई का नाम रवि था। रवि की पत्नी का एक बेटी को जन्म देने के बाद  स्वर्गवास हो गया था।

माया की ईमानदारी मेहनत को देखकर और माया के गैर जिम्मेदार निकम्मे पति की वजह से रवि एक महीने बाद ही माया की तनख्वाह बढ़ा देता है।

जब छोटेलाल तीन महीने के बाद वापस अपने घर आता है, तो रवि और माया के बीच नाजायज संबंध होने का शक करने लगता है।

और इस वजह से एक दिन वह माया को अपने घर के बाहर बहुत पीटता है। जब यह बात रवि को पता चलती है, तो वह दूसरे दिन रात को माया के घर अपने और माया के संबंध की सफाई देने आता है।

तो छोटेलाल रवि की सारी बात सुनने की जगह रवि के साथ गाली-गलौज और मारपीट करने लगता है।

रवि और छोटेलाल के झगड़े की वजह से आस पड़ोस के सब लोग छोटेलाल के घर के पास इकट्ठे हो जाते हैं।

आखिरी तक जब छोटेलाल अपनी गलती मानने के लिए तैयार नहीं होता है तो रवि छोटेलाल से गुस्से में कहता है कि "अगर माया तुझे तलाक देकर मुझसे शादी करेगी तो मैं माया से शादी करने के लिए और माया के दोनों बच्चे संभालने के लिए तैयार हूं।"

माया भी छोटेलाल को सुधारने के लिए झूठी हां भर देती है।

लेकिन सारे पड़ोसी इस बात को सच मानकर माया के पक्ष में हो जाते हैं। और कुछ महिलाएं छोटेलाल के मुंह पर कहती हैं कि "ऐसे गैर जिम्मेदार कामचोर आलसी आदमी के साथ तो कोई भी स्त्री अपना जीवन नहीं बिता सकती है।"

आस-पड़ोस के लोगों की सारी बातें सुनने के बाद छोटे लाल माया से हाथ जोड़कर कहता है कि "मुझे माफ कर दो मैं आज के बाद अपनी बीवी बच्चों की जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाऊंगा। मर्द के लिए सबसे बड़ी शर्म की यह बात होती है कि उसके बीवी बच्चे उसे इसलिए छोड़कर चले जाए कि वह अपने बीवी बच्चों की जिम्मेदारी उठाने के लायक नहीं है।"

माफी मांगने के बाद माया छोटेलाल को माफ कर देती है। और उस दिन के बाद छोटेलाल जिम्मेदार मेहनती ईमानदार पुरुष बन जाता है।

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3 Comments

madhura

11-May-2023 12:19 PM

superb story

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Saroj Verma

09-May-2023 11:43 PM

चलो,छोटेलाल को अकल तो आई👌👌👌👌

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बहुत खूब

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